सितारों से आगे जहां और भी हैं
सितारों से आगे जहां और भी हैं
जमीं और भी आसमां और भी हैं
सितारों से आगे जहां और भी हैं।
तू चाहे बढ़ के छूना गर फलक को
तू चाहे अगर तोड़ लाना उफक को
मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है
तेरे होंसलो में जो ये दमखम कहीं है।
माना के मुश्किल है रुख बदलना
दरियाओं का हाथ थाम कर ऐसे चलना
पत्थर कलेजा, जिगर में फौलाद रखना
अगर ठान ले इंसा तो क्या मुमकिन नहीं है।
हमसफर जिनकी राहें वो बढ़ते ही जाएं हमकदम जिनके तूफां उन्हें कैसे रोक पाएं चीर परबत का सीना उसे भी झुकाएं सोच लें गर तो नामुमकिन को मुमकिन बनाएं।
मंजिलें और भी कारवां और भी हैं पहल कर दे जो इंसा तो मुश्किल नहीं है जमीं और भी आसमां और भी हैं सितारों से आगे जहां और भी हैं।।
आभार – नवीन पहल – ०४.०८.२०२३ 🙏🙏
# आधे अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियां प्रतियोगिता हेतु
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Sep-2023 05:52 PM
बेहतरीन बेहतरीन
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